सांसों पर ध्यान कैसे करें?
सांसों पर ध्यान कैसे करें?
हमारी सांसें ही हमारे जीवन का आधार हैं। लेकिन व्यस्त जीवनशैली के कारण हम कभी इन्हें सचेत होकर महसूस ही नहीं करते। ध्यान (Meditation) की सबसे आसान और प्रभावी विधि है सांसों पर ध्यान लगाना। यह तकनीक मन को शांत करती है, तनाव कम करती है और आत्म-जागरूकता बढ़ाती है। आइए जानते हैं इसे सही तरीके से कैसे करें।
1. सही स्थान और वातावरण चुनें
- किसी शांत जगह पर बैठें जहाँ शोरगुल न हो।
- आप फर्श पर आसन बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ सकते हैं।
- चाहें तो कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं, बस रीढ़ सीधी रखें।
2. शरीर को स्थिर करें
- आँखें धीरे से बंद करें।
- हाथों को घुटनों पर रखें या गोद में रख लें।
- पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें ताकि कोई तनाव न रहे।
3. सांसों को महसूस करना शुरू करें
- अपनी सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को देखें।
- सांस को न तो रोकें, न ही उसकी गति को बदलें।
- सिर्फ ध्यान दें कि हवा नाक से अंदर जा रही है और बाहर आ रही है।
4. मन भटकने पर वापस लाएँ
- ध्यान के दौरान मन में कई विचार आएंगे।
- जब भी आप महसूस करें कि ध्यान भटक गया है, धीरे-धीरे ध्यान वापस सांसों पर ले आएँ।
- खुद पर गुस्सा न करें, यह बिल्कुल सामान्य है।
5. गिनती की मदद लें (शुरुआत के लिए)
- शुरुआती साधक सांसों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए गिनती का सहारा ले सकते हैं।
- जैसे: श्वास अंदर — 1, श्वास बाहर — 2, और इसी तरह 10 तक। फिर दोबारा 1 से शुरू करें।
- धीरे-धीरे गिनती छोड़कर केवल सांस पर टिके रहना सीखें।
6. नियमित अभ्यास करें
- रोज़ाना कम से कम 5-10 मिनट सांसों पर ध्यान करें।
- जैसे-जैसे अभ्यास गहरा होगा, समय 20-30 मिनट तक बढ़ाया जा सकता है।
- सुबह या रात का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
सांस ध्यान के लाभ
- तनाव और चिंता कम होती है।
- नींद बेहतर आती है।
- एकाग्रता और मानसिक शांति बढ़ती है।
- आत्म-नियंत्रण और धैर्य विकसित होता है।
- श्वसन और हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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सांसों पर ध्यान लगाना एक सरल लेकिन गहरी साधना है। यह हमें वर्तमान क्षण से जोड़ता है और भीतर की शांति से परिचित कराता है। यदि आप इसे नियमित रूप से करेंगे तो जीवन में संतुलन, सुकून और ऊर्जा का अनुभव करेंगे।
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